बैंक से पैसे निकालने या जमा करने की जानकारी के लिए अब बैंक हमें एस. एम. एस. और ई-मेल की सुविधा दे रहें हैं, पर इसके लिए हमे ई-मेल और मोबाइल नंबर की जानकारी बैंक को देनी पड़ेगी तथा उससे इस सुविधा का फायदा हम सभी को मिलेगा ...!!! बैंक खाते में होने वाले हर लेन-देन की जानकारी अब हमारे मोबाइल पर आ जायेगी। यदि अगर ऎसा नहीं होता है तो हमे सम्बन्घित बैंक अघिकारियों से सम्पर्क कर के इस सुविधा को पा सकते है। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल में पत्र जारी कर सभी बैंकों के लिए यह अनिवार्य सेवा कर दी है। रिजर्व बैंक के अनुसार बैंकों को उपभोक्ताओं के खाते में डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से होने वाले हर ट्रांजेक्शन पर एस.एम.एस. या ई-मेल के जरिए सूचना देनी होगी। इस सुविधा से बैंक हर ग्राहक को उसके खाते के हर ट्रांजेक्शन की जानकारी देगी जिससे वित्तीय धोखों पर रोक लगेगी !!!
(१) पहले बैंकों के लिए डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के जरिए किए जाने वाले ट्रांजेक्शन जैसे पांच हजार रूपए से अघिक की शोपिंग की सूचना ऑनलाइन ग्राहक को देना अनिवार्य था। कुछ बैंकों नें यह सुविधा शुरू भी कर दी है।
(२) इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि पिछले कुछ समय में ऑनलाइन व ऑफलाइन ट्रांजेक्शनरों की संख्या बढ़ने के साथ ही इन सुविधाओं का दुरूपयोग कर धोखाधड़ी भी बढ़ी है। रिजर्व बैंक के अनुसार एटीएम से धोखे किए जाने के मामले सामने आए हैं। ग्राहकों को हर ट्रांजेक्शन की जानकारी उपलब्ध होने पर ऎसी घटनाओं को कम करने के साथ ही धोखाधड़ी करने वालों पकड़ने में भी असानी होगी।
(३) कार्ड्स के लिए नई गाइडलाइन के अनुसार ट्रांजेक्शन की जानकारी ई मेल से या ऑनलाइन प्राप्त करने के लिए बैंक में अपने मेल आईडी व मोबाइल नम्बर को रजिस्टर्ड कराना होगा। बहुत से ग्राहकों ने अपने डेबिट कार्ड में डायरेक्ट डेबिट की सुविधा भी ले रखी है। इसके अलावा बिलों व प्रीमियम के भुगतान के लिए बैंक इस सुविधा के लिए आनलाइन एलर्ट भी उपलब्ध करा रहे हैं।
(४) ये एक अच्छा कदम है भारतीय रिजर्व बैंक का जिससे सभी लोगों को घर बैठे अपने बैंक के खाते की जानकारी मिलती रहेगी.....!!!! और हम लोगों का खाता भी सुरक्षित रहेगा....!!!
(१) पहले बैंकों के लिए डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के जरिए किए जाने वाले ट्रांजेक्शन जैसे पांच हजार रूपए से अघिक की शोपिंग की सूचना ऑनलाइन ग्राहक को देना अनिवार्य था। कुछ बैंकों नें यह सुविधा शुरू भी कर दी है।
(२) इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि पिछले कुछ समय में ऑनलाइन व ऑफलाइन ट्रांजेक्शनरों की संख्या बढ़ने के साथ ही इन सुविधाओं का दुरूपयोग कर धोखाधड़ी भी बढ़ी है। रिजर्व बैंक के अनुसार एटीएम से धोखे किए जाने के मामले सामने आए हैं। ग्राहकों को हर ट्रांजेक्शन की जानकारी उपलब्ध होने पर ऎसी घटनाओं को कम करने के साथ ही धोखाधड़ी करने वालों पकड़ने में भी असानी होगी।
(३) कार्ड्स के लिए नई गाइडलाइन के अनुसार ट्रांजेक्शन की जानकारी ई मेल से या ऑनलाइन प्राप्त करने के लिए बैंक में अपने मेल आईडी व मोबाइल नम्बर को रजिस्टर्ड कराना होगा। बहुत से ग्राहकों ने अपने डेबिट कार्ड में डायरेक्ट डेबिट की सुविधा भी ले रखी है। इसके अलावा बिलों व प्रीमियम के भुगतान के लिए बैंक इस सुविधा के लिए आनलाइन एलर्ट भी उपलब्ध करा रहे हैं।
(४) ये एक अच्छा कदम है भारतीय रिजर्व बैंक का जिससे सभी लोगों को घर बैठे अपने बैंक के खाते की जानकारी मिलती रहेगी.....!!!! और हम लोगों का खाता भी सुरक्षित रहेगा....!!!
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