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Wednesday, 14 September 2011

ये घटना राष्ट्रीय खेल के प्रति बहुत ही दुखदायी है....!!!! ये मनोबल बढाने का नहीं बल्कि मनोबल गिराने का तरीका है सरकार का.....!!!!

                    













                    

                    हमारे देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी है लेकिन उसकी इज्जत हमारी सरकार के द्वारा बिलकुल भी नहीं की जाती...!!!! इसी प्रकार का भेदभाव हमारे देश के जो सैनिक देश की रक्षा करते हुए शहीद हो जाते है उनके साथ भी यही शर्मनाक रवैया रहता है सरकार का....!!!!

                    मंगलवार को जब पाकिस्तान को हराकर हमारे देश का नाम रोशन करने वाली हॉकी टीम दिल्ली लौटी तो उनका जोरदार स्वागत तो किया गया था, लेकिन क्रिकेटरों पर करोड़ों रूपए लुटाने वाली हमारी सरकार खिलाडियों को सिर्फ 25-25 हजार रूपए में देकर निपटाना चाहती थी....!!!! सरकार के इस रवैए से खिलाडियों ने यह राशि लेने से इनकार कर दिया था एवं निराशजनक स्थिति में हॉकी टीम के कप्तान राजपाल सिंह को कहना पड़ा कि पाकिस्तान को हराने का यह सही सम्मान नहीं मिला सरकार से....!!!! राजपालसिंह का कहना था कि केंद्रीय खेल मंत्री अजय माकन के उस दावे से खिलाड़ी बहुत ही ज्यादा निराश हुए है जिसमें हॉकी को पुर्नजीवित करने की बात कही गई थी, लेकिन हुआ उल्टा ही क्योंकि यहाँ हमारे सम्मान में कमी रखी गयी और मनोबल बढाने की बजाए गिराने की कोशिश हुई है...!!!! खेल मंत्री उनकी उम्मीद पर खरे नहीं उतरे, उनकी कथनी और करनी में फर्क क्यों आया....!!!!

                      बड़े शर्म कि बात है कि हॉकी खिलाडियों का पहले तो अपमान किया हमारी सरकार ने, और बाद में जब हंगामा हुआ तो उन पर ईनाम की बौछार शुरू कर दी !!! मुंबई में बदहाली का जीवन जी रहे महान हॉकी खिलाड़ी युवराज सिंह को 10 लाख रूपए देने की घोषणा की है !!! पंजाब सरकार ने पाकिस्तान को फाइनल में धूल चटाकर चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा करने वाली हॉकी टीम के खिलाडियों को 25-25 लाख रूपए देने की घोषणा की है, तो दूसरी तरफ केन्द्र सरकार ने प्रत्येक हॉकी खिलाड़ी को सिर्फ और सिर्फ डेढ़-डेढ़ लाख रूपए देने की घोषणा की है और यह राशि भारत सरकार का खेल मंत्रालय देगा..!! लेकिन राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के द्वारा घोषणा किये हुए इनामो का फासला शर्मनाक है...!!!! हॉकी टीम हमारे देश की तरफ से खेलने गयी थी ना की पंजाब की तरफ से.....!!!! उसके हिसाब से इनाम की राशी केंद्र सरकार की ज्यादा होनी चाहिए थी...!!!!

                    ये घटना राष्ट्रीय खेल के प्रति बहुत ही दुखदायी है एवं हॉकी संघ को बी.सी.सी.आई. से कुछ सीख लेनी ही चाहिए....!!!! ये मनोबल बढाने का नहीं बल्कि मनोबल गिराने का तरीका है सरकार का.....!!!!

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